दुनियाँ के शर्तो से बंध जाये शायद ये जीवन,अच्छा है सबसे तुमसे बंधा मेरा प्रेमी मन l
जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए,ना देगी दुप्पटा कफ़न के लिए,मरना है तो मारो वतन के लिए,तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए.
दिल में क्या फूल खिला करते थे,
अपना घर सजाने की खातिर,
हम उसका नाम लिखा करते थे,
कल उसे देखा तो याद आया
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे!!