ज़िंदगी तेरी ये हमसे नराजगी कैसी है,ख्वाबों को छीनने की तेरी ये जिद कैसी है,तिनका-तिनका जोड़ सपनों को जोड़ा है,यूँ अचानक इन्हें तोड़ने की आदत कैसी है l
लाखों तूफान उठे है इस दिल में
तुजे देखने के बाद
काश
जुल्फों की काली घटाओं से ढक पाऊ
ये चाँद सा चेहरा तेरा
सर्दी के मौसम का मजा अलग सा है,
रात मे रजाई का मजा अलग सा है.
धुंध ने आकर छिपा लिया सितारों को,
आपकी जुदाई का ऐहसास अब अलग सा है
Yeh Mat Samajh Tere Kabil Nahi Hain Hum,Tadap Rahe Hain Woh Jinhein Haasil Nahi Hain Hum.
Aye khuda
kuch nahi maanga tujhse
Aaj ek dua poori karde
Maut maang raha hu dede..!