"जो ख़त मैंने लिख के जला दिये,जो अल्फाज़ मैंने लिख के मिटा दिये,जो बात मैंने खुद से भी छिपा लिए,उनमें मेरी मोह्हबत के अहसास थे l"
नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा,
बेरुखी को उनकी अदाओं में देखा,
आँखें नम हुईं और मैं रो पड़ा…
जब अपने को गैरों की बाहों में देखा।
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है
जिंदगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने
अभी तो सारा आसमान बाकी है…
tujhe pyaar karte hai karte rahenge
ki dil banke dil mein dhadkte rahenge
tera naam le le ke jite rahenge
tera naam le le ke marte rahenge
वो साथ थी तो मानो जन्नत थी जिंदगी दोस्तों,
अब तो हर सांस जिंदा रहने कि वजह पूछती है।