जाने अब कौन आँखों से निकल,कागज़ पे आने वाला है,सुना हैं मेरा मेहबूब फिर,कोई तस्वीर बनाने वाला है l
तुम्हारे मिलने के बाद नाराज़ है रब्ब मुझसे,
क्योंकि मैं उनसे अब और कुछ मांगता ही नहीं
मैंने कहा की बहुत प्यार आता है तुम पर,
वो मुस्कुरा की बोले और तुम्हे आता ही क्या है......
चलो अच्छा हुआ काम आ गयी दीवानगी अपनी,
वरना हम ज़माने भर को अपनी मोहब्बत समझाने कहाँ जाते?
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
किसी ने ग़ालिब से कहा
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”