"बड़ी तेजी से इंसान -इंसान को भूल रहा था,
ये ठोकर भी जरुरी था,थोड़ा ब्रेक लगाने को l"
ऐसा लगता है, हर इम्तिहाँ के लिए,
किसी ने जिन्दगी को हमारा पता दे दिया है
मुझे सहल हो गई मंजिलें वो,
हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया,
कि चिराग राह में जल गये।
मुझे तेरे सपनों से प्यार इतना हैं,
की खुद को उनके लिए न्योछावर कर दूँ.
करूँ बस मैं आपसे मोहब्बत इतनी,
और अपना ये साल आपके नाम कर दूं.
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
उठा लो दुपट्टे को ज़मीन से कहीं दाग़ न लग जाए,
पर्दे में रखो चेहरे को कहीं आग न लग जाए।