हर किसान को सरकारी क्रय केंद्र पर अनाज बेचना चाहिए,
अपने अनाज और मेहनत का एकदम सही मूल्य लेना चाहिए.
मैं तेरे हिज़ार की बरसात में कब तक भीगू!!ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती है..
पता है तुम्हारी और हमारी
मुस्कान में फ़र्क क्या है?
तुम खुश हो कर मुस्कुराते हो,
हम तुम्हे खुश देख के मुस्कुराते हैं…
मुहब्बत खूबसूरत होती होगी किसी और ज़माने में
हमपे जो गुजरी है वो हम ही जानते हैं
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने धड़कते हुएअरमानों एक सुरमई शाम दे दें !