चढ़ गये जो हंसकर सूली,
खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करते हैं,
जो मिट गए देश के लिए,
हम उनको सलाम करते हैं.
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए,ना देगी दुप्पटा कफ़न के लिए,मरना है तो मारो वतन के लिए,तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए.
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा,
परबत वो सबसे ऊंचा हमसाया आसमां का, वह संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा!
गणतंत्र दिवस की बधाइयां !! जय हिंद !!
कौन कहता है माँ का कलेजा दुनिया में सबसे नरम है,मैंने बेटियों की विदाई में अक्सर पिता को टूटते देखा है।