चाँद अब जमीन पर उतरने को हैं,
दिसंबर का महीना जा रहा हैं, जनवरी परवान चढ़ने को हैं.
मुझे यकीन हैं तुम आओगी आसमान से कोहरा छट रहा हैं,सूरज अभी छत पर चढ़ने को हैं.
गुड मॉर्निंग शायरी गर्लफ्रेंड
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
कुछ अजीब सा रिश्ता है
उसके और मेरे दरमियां
ना नफरत की वजह मिल रही है
ना मोहब्बत का सिला
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”