पति व्हिस्की का एक ग्लास बनाता है
और पत्नी से कहता है : लो पियो इसे पत्नी व्हिस्की चकती हैं,
फिर कहती है : छी-छी कितनी कड़वी है
पति : और तू सोचती है कि मैं रोज अय्याशी करता हूं
जहर का घूंट पिता हूं जहर का
पति-तुम्हारी रोज-रोज की नई फरमाइशों से परेशान होकर मैं आत्महत्या कर लूंगा।
पत्नी-आप भी न रुला के ही मानोगे
चलो एक अच्छी सी सफेद साड़ी दिला दो बस. आपकी तेरहवीं पर पहनूंगी।
बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब, ये घड़ी भी सर्दियों में,
5 मिनट और सोने की सोचो तो, 30 मिनट आगे बढ़ जाती है
इस गर्मी का आलम बस ...इतना समझ ले ग़ालिब....कपडे धोते ही सुख जाते है ।और पहनते ही गीले हो जाते है ।।
पिता - पेपर कैसा गया?
बेटा - पहला सवाल छूट गया, तीसरा आता नहीं था,
चौथा करना भूल गया, पांचवां नजर नहीं आया!
पिता - और सवाल दो?
बेटा - बस सिर्फ वो ही गलत हो गया