चिलम के धुएं में हम खोते चले गए ,
बाबा होश में थे और मदहोश होते चले गए
जाने क्या बात है महादेव के नाम में
न चाहते हुए भी उनके होते चले गए
जय महाकाल
शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता हैं
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता हैं
पी के भांग जमा लो रंग
जिन्दगी बीते ख़ुशियों के संग
लेकर नाम शिव भोले का
दिल में भर लो शिवरात्रि की उमंग !
मुझमें कोई छल नहीं, तेरा कोई कल नहीं
मौत के ही गर्भ में, ज़िंदगी के पास हूँ
अंधकार का आकार हूँ, प्रकाश का मैं प्रकार हूँ
मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ।
ॐ में ही आस्था
ॐ में ही विश्वास
ॐ में ही शक्ति
ॐ में ही सारा संसार
ॐ से होती है अच्छे दिन की शुरुआत !
बोलो ॐ नमः शिवाय
जय भोलेनाथ