पता नहीं क्या जादू है मेरी माँ के पैरों में जितना झुकता हूँ उतना ही ऊपर जाता हूँ।
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तक़ाज़ा है,
मेरे दिल का दर्द अभी ताज़ा ताज़ा है,
गिर पड़ते हैं मेरे आँसू मेरे ही काग़ज़ पर
लगता है कलम में स्याही का दर्द ज़्यादा है!!
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
नए साल की आने वाली हर शाम सिर्फ तेरे ही नाम,
होगी चाहत की एक अलग मुकाम,
करेंगे मोहब्बत तुमसे सुबह शाम।
HAPPY NEW YEAR 2021
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे