जाने उस शख्स को कैसे ये हुनर आता है, रात होती है तो आँखों में उतर आता है, मैं उस के खयालो से बच के कहाँ जाऊं, वो मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आता है।
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
सारे सबक किताबों में नहीं मिलते यारो
कुछ सबक जिंदगी भी सिखाती है
अपने रिश्तों और पैसों की कद्र एक समान करें,
दोनों को कमाना मुश्किल है, लेकिन गवाना बहुत आसान।