मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं।
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
जिस के पास कुछ भी नही है , उस पर दुनिया हसती है .. जिस के पास सबकुछ है , उसपर दुनिया जलती है .. मेरे पास आप जैसे अनमोल दोस्त है , जिनके लिए दुनिया तरसती है ....
ना जाने क्या अपनापन हैं तेरी बातों में,
के हर पल ये दिल… ❤
तुम्हें मिलने के लियें पागलपन करता हैं…