पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है, और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता है। और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये वो नहीं कर सकते।
"भाग्य" के दरवाजे पर
सर पीटने से बेहतर है,
"कर्मो" का तूफ़ान पैदा करे
सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!
परिस्थितिया जब विपरीत होती है,
तब "प्रभाव और पैसा" नहीं
"स्वभाव और सम्बंध" काम आते है ॥
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G⭕⭕D 〽⭕➰N❗NG
प्यारी सी सुबह का प्यार भरा नमस्कार
कितने मूर्ख हैं
हम भगवान के बनाए फलों को भगवान को ही अर्पण करके धन दौलत माँगने लगते हैं
क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है
जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है