हर-हर हो महादेव शिव का,
हर पल नाम तुम्हारा जपे,
नाग-पंचमी का आया त्योहार,
शिव को करते हम नमन बारम्बार,
शिव बाबा करें बेड़ा पार |
जिसकी नीति अच्छी होगी,
उसकी हमेशा उन्नत होगी,
“मैं श्रेष्ट हूँ”… यह आत्मविश्वास है,
लेकिन
“सिर्फ मैं ही श्रेष्ट हूँ”…यह अहंकार है।
आपके हाथों से कोई छीन सकता है
लेकिन जो नसीब में है उसे कोई नहीं छीन सकता...
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है