अपनी सांसो में महकता पाया है तुझे,
हर ख्वाब में बुलाया है तुझे,
क्यों न याद करे तुझको जब खुदा ने
हमारे लिए बनाया है तुझे...
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!
ना ठुकरा मेरी दोस्ती मुझे गरीब समज कर ए दोस्त,
यह दौलत वाले खरीदार तो होते है,
लेकिन वफादार नही
तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नजर आता है, मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है, कैसी उदास है जिंदगी... बिन तेरे... हर लम्हा, मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नजर आता है।
“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….