यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे, पता ही नहीं था की कीमत चेहरों की होती है!
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए,
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए...
सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे…..हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…..
Din Me Deepak Jalane Se Kya Hoga ,
Raakh Me Aag Lagane Se Kya Hoga,
Jab Aapko Aati Hi Nahi Hamari Yaad,
Toh Phir Yaad Dilane Se Kya Hoga?
मैंने जिन्दगी से पूछा..सबको इतना दर्द क्यों देती हो ?जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है !!