जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं
और दूसरे गलत होते हैं...तो
हम न्याय चाहते हैं।
भूल होना प्रकृति है,
मान लेना संस्कृति है,
और सुधार लेना प्रगति है।
सुप्रभात
खुशबू बन कर मेरी सांसो में रहना,
लहू बन कर मेरी रग रग में बहना,
दोस्त होते हैं रिश्तों का अनमोल गहना,
इसलिये हर रोज़ सुबह हम से Good Morning कहना।
ऐ हसीन चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना,
लाखो तारों की सजी महेफिल संग रोशनी करना,
तुम छुपा लेना अँधेरे को ऐसे,
हर रात के बाद एक खुबसूरत सँवेरा देना.
जीवन की वास्तविकता बस इतनी सी है
बचपन मे होम वर्क जवानी मे होम लोन और बुढापे में होम अलोन
ही रह जाता है...
सुप्रभात!