खुशबू बन कर मेरी सांसो में रहना,
लहू बन कर मेरी रग रग में बहना,
दोस्त होते हैं रिश्तों का अनमोल गहना,
इसलिये हर रोज़ सुबह हम से Good Morning कहना।
जिस प्रभात से, परमात्मा का स्मरण हो जाये,
वह प्रभात, सुप्रभात हो जाता है।
सुबह-सुबह उन्हें सताना अच्छा लगता है,
सुबह-सुबह उन्हें नींद से उठाना अच्छा लगता है,
मोबाइल उठाकर हमारे मैसिज पड़ लेना,
सुबह-सुबह गुड मॉर्निंग भेजना हमे अच्छा लगता है।
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं
और दूसरे गलत होते हैं...तो
हम न्याय चाहते हैं।
भूल होना प्रकृति है,
मान लेना संस्कृति है,
और सुधार लेना प्रगति है।
सुप्रभात
शुभचिंतक वो नही होते जो आपसे रोज़ मिलें और बातें करें...
शुभचिंतक वो है जो आपसे रोज़ ना भी मिल सकें
फिर भी आपकी ख़ुशी के लिए प्रार्थना करें...