मालिक: अभी तक तुझ से मच्छर नहीं मरे ?
मेरे कानों में गुनगुना रहे हैं |
नौकर: साहब, मैंने मच्छर मार दिए हैं,
ये तो उनकी बीवियां हैं जो विधवा हो कर रो रहीं हैं |
भाई लोगों ये जिन्हें हम Rose Day पर Rose देते हैं
क्या वो भी हमें रोज देंगी? (जस्ट फॉर जरनल नॉलेज)
टीचर – अच्छा तो बच्चों
आज मैं तुम्हारा टेस्ट लूंगी
टीचर – बंटू कबीर दास का
एक दोहा सुनाओ
बंटू –
कबीर दास है बाबरो, दोहा गयो बनाय
खुद तो कबको चली गयो, हमको गयो फसाय
टीचर बेहोश
लड़का- तुम लडकियां इतनी खूबसूरत क्यों हों?
लड़की - क्योंकि भगवान ने हमें अपने हाथों से बनाया है।
लड़का- लें..., बोल तो ऐसे रही है जैसे हमें तो मजदूरों को ठेके पर दिया था।