ताला एक तरफ चाबी घुमाने से बंद होता है तो वहीँ दूसरी ओर घुमाने से खुल भी जाता है|-'बाबू लोहार'
ख़ुशियों की ख़ातिर हमने कितने क़र्ज़ उतार रक्खे हैं
ज़िंदगी फिर भी तूने हमपे कितने दर्द उतार रक्खे हैं
मासूम अगर होता तो सब मिलके लूट लेते
जाने किस अपने ने मेरे दुश्मन उतार रक्खे हैं
इश्क ने तेरी जिंदगी से मेरी पहचान कराई है
प्यार ही जिंदगी है यह बात मुझे समझाई है
बस कभी बुझे ना ये समां मोहब्बत की सनम
जो मैंने तेरे और तूने मेरे दिल में जलाई है
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
कल्लू पानवाले और मुहल्ले की कमला का चक्कर चल रहा था।
अब एक दिन कमला के पिताजी पानवाले की दुकान पहुंच गए और बोले:
कमलापसंद है ?
कल्लू नीचे उतरा।
पिताजी के पैर छूकर बोला: जी मुझे कमला पसंद है और कमला भी मुझे पसंद करती है।
बस फिर क्या, बवाल हो गया
दे चप्पल.... दे चप्पल.... दे चप्पल....