उसने कहा चले
जाओ मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा
कौन हो तुम भाईसाहब!!
😝😝😝😝
हमारे माँ – बाप हमको बचपन में शहजादों की तरह पालते हैं..लिहाज़ा…
हमारा ये फ़र्ज़ बनता है,,उनके बुढ़ापे में उनको बादशाहों की तरह रखें!
लोगों को पता नहीं कैसे सच्चा
प्यार मिल जाता है...
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हमें तो सुबह पलंग के नीचे
उतारी चप्पल नहीं मिलती।
😝😝
बिना पासवर्ड लगा हुआ Wi-Fi मिल जाना भी पिछले जन्म के किसी पुण्य का ही परिणाम होता है।
माता-पिता अपनी बिटिया के लिए सुयोग्य वर खोजते समय दो बातों का ख्याल रखते हैं, एक तो लड़का खाते पीते घर का हो दूसरा वह पीता खाता न हो