एक अँधा आदमी आर्मी में भर्ती के लिए गया
मेजर:- तुम अंधे हो तुम मेरे किस काम आओगे
अँधा:- अंधाधुंध फायरिंग के लिए...
ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं,
ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं,
अब ठंड बर्दास्त नही होती,
सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं
हमारे माँ – बाप हमको बचपन में शहजादों की तरह पालते हैं..लिहाज़ा…
हमारा ये फ़र्ज़ बनता है,,उनके बुढ़ापे में उनको बादशाहों की तरह रखें!
गलती से पंखे का बटन क्या
दब गया...
....पूरा परिवार यूँ देखने लग
गया जैसे मैं कोई आतंकवादी
हूँ ..
उसने कहा चले
जाओ मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा
कौन हो तुम भाईसाहब!!
😝😝😝😝