चलो खेलें वही बाजी
जो पुराना खेल है तेरा,
तू फिर से बेवफाई करना
मैं फिर आँसू बहाऊंगा।
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता
इस फ़ूल को कभी टूटने मत देना
क्योकि टूटा हुआँ फूल वापीस नहीँ खिलता /..
हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!