खुश हूँ कि मुझको जला के तुम हँसे तो सही,
मेरे न सही… किसी के दिल में बसे तो सही।
जीत किसके लिए,हार किसके लिए,जिन्द गी भर यह तकरार किसके लिए,जो भी आया है वो जाऐगा एक दिन,फिर ये अहंकार किसके लिए।..
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega boho0at hume kho dene ke baad…
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
कही से ये फिजा आई
ग़मों की धुप संग लायी
खफा हो गये हम, जुदा हो गये हम....