मुहब्बत ना सही
मुकदमा ही कर दे..
तारीख दर तारीख
मुलाकात तो होगी..!!
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
Ajab Muqaam Pe Thehra Huwa Hai Kafila Dil Ka…
Sukoon Dhundne Nikle The, Neende Bhi Gawa Bethe…
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।