भागते बचपन में भी थे
भागते आज भी है...
बस्ता तो वही है साहब
बस किताबों की जगह
जिम्मेदारियां ले ली है..!!
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
जिंदजी में इन दो लोगो को बहौत प्यार करो।
एक माँ जो तुम्हे इस दुनिया में लाये
और एक बीवी जो सारी दुनिया छोड़ कर तुम्हारे पास आये
हर पल में प्यार है हर लम्हे में ख़ुशी है,खो दो तो याद है जी लो तो ज़िन्दगी है।
यदि अंधकार से लड़ने का संकल्प कोई कर लेता है!
तो एक अकेला जुगनू भी सब अंधकार हर लेता है!!