वो खुद पर गरूर करते है
तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं..
जिन्हे हम चाहते है,
वो आम हो ही नहीं सकते..!!
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की!
वक़्त को भी हुआ है ज़रूर किसी से इश्क़,जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।