मान लिया है मैंने..
नहीं आता मुझे मुहब्बत जाताना..
नादाँ तो तुम भी नहीं..
समझ ना सको शायरियों
में जिक्र तुम्हारा...!!
शिकवा भी होगा हमसे शिकायत भी होगी,
पर दोस्त से गिला किया नहीं करते।
हम अच्छे नहीं बुरे ही सही,
तुम्हें वैलेंटाइन मुबारक हो,
लेकिन हम जैसा दोस्त मिला नहीं करते।।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
क्यूट तो मे बचपन से ही हू..
जब पैदा हुआ तब मम्मी को तो क्या,
नसॅ को भी मजबूर कर दिया था चुम्मी लेने को..!!