“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….
मारवाडी को फांसी की सजा सुनाई गयी ..जज ने पूछा- कोई आखिरी ख्वाहिश?मारवाडी – म्हारी जगह थे लटक जाओ!!
मुस्कुराना एक कला है
जिसने इस कला को सीख लिया
वो जीवन में कभी दुखी हो ही नहीं सकता
Mohabbat Aur Maut Dono Ki
Pasand Bhi Ajeeb Hai:
Ek Ko Dil Chahiye:
Aur Dusre ko Dhadkan!
चेहरे पर हंसी छा जाती है,
आँखों में सुरूर आ जाता है,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।