125 साल के एक दादाजी
मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे।
स्वर्ग में खूबसूरत अप्सराओं का नृत्य देख कर दादाजी
फूट-फूट कर रोते हुए बोले,
" साला बाबा रामदेव के चक्कर
में नहीं पड़ता तो कब का यहाँ
पहुँच गया होता।"
लिखना था की खुश हूँ तेरेबिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके
रोज़ ये दिल बेकरार होता है,काश के तुम समझ सकते कीचुप रहने वालो को भी किसी से प्यार होता है...