मन छोड़ व्यर्थ की चिंता तू शिवका नाम लिये जाशिव अपना काम करेंगे तू अपना काम किये जाशिव शिव शिव ऊँ: नम: शिवाय
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ.
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
जिंदजी में इन दो लोगो को बहौत प्यार करो।
एक माँ जो तुम्हे इस दुनिया में लाये
और एक बीवी जो सारी दुनिया छोड़ कर तुम्हारे पास आये