मुझे इस बात का गम नहीं कि बदल गया ज़माना;मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो, कहीं तुम ना बदल जाना!
उसने मिलने की अजीब शर्त रखी… गालिब चल के आओ सूखे पत्तों पे लेकिन कोई आहट न हो!
चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही
लेकिन रवैये अजनबी हो
जाये तो बडी तकलीफ देते हैं
मंजिल का नाराज होना भी जायज था… हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे…!