बस एक चुप सी लगी है, नहीं उदास नहीं!कहीं पे सांस रुकी है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!कोई अनोखी नहीं, ऐसी ज़िन्दगी लेकिन!खूब न हो, मिली जो खूब मिली है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!सहर भी ये रात भी, दोपहर भी मिली लेकिन!हमीने शाम चुनी, हमीने शाम चुनी है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!वो दासतां जो, हमने कही भी, हमने लिखी!आज वो खुद से सुनी है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!
आज है महाशिवरात्रि
करिये भोले भंडारी का जाप
उनके जाप से धुलते हैं सारे पाप
महाशिवरात्रि की शुभकामनायें...
तारे और इंसान में कोई फर्क नहीं होता,दोनो ही किसी की ख़ुशी के लिऐ खुद को तोड़ लेते हैं।
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती