बस एक चुप सी लगी है, नहीं उदास नहीं!कहीं पे सांस रुकी है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!कोई अनोखी नहीं, ऐसी ज़िन्दगी लेकिन!खूब न हो, मिली जो खूब मिली है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!सहर भी ये रात भी, दोपहर भी मिली लेकिन!हमीने शाम चुनी, हमीने शाम चुनी है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!वो दासतां जो, हमने कही भी, हमने लिखी!आज वो खुद से सुनी है!नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!!
दिल की धड़कन और मेरी सदा है तू,
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है तू,
चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़ कर,
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू।
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।
जिसने अपनी इच्छाओं पर काबू पा लिया,
उस मनुष्य ने जीवन के दुखों पर काबू पा लिया..!!
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..