“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
दिल टूटना सजा है महोब्बत की,दिल जोडना अदा है दोस्ती की,माँगे जो कुर्बानी वो है महोब्बत,जो बिन माँगे हो जाऐ कुर्बान……वो है दोस्ती हमारी…..
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
Phooloan se kya dosti karte ho,Phool to murjha jaate hain.Aggar dosti karni hai to kaanton se karo,Kyun ki woh chubh kar bhi yaad aatein hain.