काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न
हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो
कभी-कभी यूं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर,,,,अच्छा लगता है, यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा दस्तक देना...!!!
इस रिश्ते को यूंही बनाये रखना
दिल में यादों के चिराग जलाये रखना
बहुत प्यारा सफ़र रहा
बस ऐसा ही साथ 2021 में भी बनाये रखना