मैंने जिन्दगी से पूछा..सबको इतना दर्द क्यों देती हो ?जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है !!
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
मेरे दोस्तों ने इकट्ठा किया मेरे ही कत्ल का सामान,
मैंने उनसे कहा,
यारो तुम्हारी नफरत ही काफी थी मुझे मारने के लिए……
याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना ..
यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..