दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी
बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा…
घनी जुल्फों की गिरह खोलो ना कभी
बहती हवाओं सा है एहसास मेरा….
छूकर देखो कभी तो मालूम होगा तुम्हें
सर्दियों की धूप सा है एहसास मेरा ।
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
It is our own mental attitude which
makes the world what it is for us.
Our thoughts make things beautiful,
our thoughts make things ugly.
चलो यूँ ही सही तुमने माना तो सही
मजबूर कही हम थे ये जाना तो सही
कब कहा हमने की हम बेगुनाह थे
कुछ गुनहगार तुम भी थे ये माना तो सही
या देवी सर्वभूतेषु
शक्तिरूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नम:.