खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,
सहारे कितने भी भरोसेमंद हो,
एक दिन साथ छोड़ ही जाते है|
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते
इसलिए उन्होंने माँ को बनाया
एक दिन सागर ने नदी से पुछा- कब तक मिलती रहोगी मुझ खारे पानी से।
नदी ने हस कर कहा – जब तक तुझमे मिठास न आ जाये।
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है