हेसियत मेरी छोटी है पर मन मेरा शिवाला हैकरम तो मैं करता जाऊंगाक्योकि साथ मेरे डमरूवाला है|ॐ नमः शिवाय
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती
और ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं होती
मुस्कुराना एक कला है
जिसने इस कला को सीख लिया
वो जीवन में कभी दुखी हो ही नहीं सकता