सुखी जीवन का राजअगर आप खुद को शेर समझते है तो अपनी पत्नी को शेरावाली माता समझो|
संता – भाई आज तो गज़ब हो गया
बंता – लॉटरी लग गयी क्या पाजी
संता – ओये नहीं मैं बस में बैठा था
तभी एक आदमी आया और साले ने
फोन में राष्ट्रगान चला दिया
बंता – फिर ?
संता – फिर क्या राष्ट्रगान सुनते ही
मैं खड़ा हो गया और
वो कमीना मेरी सीट पर बैठ गया
गधा: मेरा मालीक मुझे बहुत पीटता है
कुत्ता: तुम भाग क्यो नही जाते
गधा: मालिक की खुबसुरत लडकी जब पढाई
नही
करती तो मालिक कहता हैं की
"तेरी शादी गधे से कर दुंगा"
बस इसी उम्मीद से टीका हुं./
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!
वर्षों से दहलीज़ पर कड़ी वो मुस्कान है,
जो हमारे कानो में धीरे से कहती है,
“सब अच्छा होगा”