संता रोटी का एक निवाला खुद खा रहा था और एक पास बैठी मुर्गी को खिला रहा था…बंता :- “ ये क्या कर रहा है ? ”संता :- “ चिकन के साथ रोटी खा रहा हूँ ”
चुनाव को लेकर चार लाइन लिखी, जो बहुत जरूरी भी है..
तुम मेरी बात पे चेहरा उदास मत करना,
इधर की सुनके, उधर जाके बात मत करना,
चुनाव चार दिन के है, ताल्लुक़ जिन्दगी भर के..
किसी भी दोस्त से रिश्ता खराब मत करना।
“जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,
हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!
एडमिन ने ढाबा खोला..ग्राहक – मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है |एडमिन –तो क्या करू?मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ.