जैसे पके हुए फलो को गिरने के सिवा कोई भय नहीं, वैसे ही पैदा हुए मनुष्य को म्रत्यु के सिवा कोई भय नहीं|वाल्मीकि
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
लिखना था की खुश हूँ तेरेबिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
125 साल के एक दादाजी
मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे।
स्वर्ग में खूबसूरत अप्सराओं का नृत्य देख कर दादाजी
फूट-फूट कर रोते हुए बोले,
" साला बाबा रामदेव के चक्कर
में नहीं पड़ता तो कब का यहाँ
पहुँच गया होता।"
रोज़ ये दिल बेकरार होता है,काश के तुम समझ सकते कीचुप रहने वालो को भी किसी से प्यार होता है...