जैसे पके हुए फलो को गिरने के सिवा कोई भय नहीं, वैसे ही पैदा हुए मनुष्य को म्रत्यु के सिवा कोई भय नहीं|वाल्मीकि
मैं तेरे हिज़ार की बरसात में कब तक भीगू!!ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती है..
तुम मुझे कभी दिल, कभी आँखों से पुकारो ग़ालिब,
ये होठो का तकलुफ्फ़ तो ज़माने के लिए है|
माँ तेरी कृपा रही तो
एक दिन अपना भी मुकाम होगा,
70-80 लाख की Audi Car
होगी, और Front शीशे पे
माँ दुर्गा का नाम होगा ।
जय मातादी…
बहोत अंदर तक जला देती है,वो शिकायतें जो बयाँ नही होती..