हिन्दी मेरी पहचान है|
सारे सबक किताबों में नहीं मिलते यारो
कुछ सबक जिंदगी भी सिखाती है
शुभचिंतक वो नही होते जो आपसे रोज़ मिलें और बातें करें...
शुभचिंतक वो है जो आपसे रोज़ ना भी मिल सकें
फिर भी आपकी ख़ुशी के लिए प्रार्थना करें...
सुप्रभात
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
दूसरों के काम बिगाड़ने
वाले लोग एक ढूढ़ने पर
हजारों मिल जाते हैं,
लेकिन दूसरों के काम
बनाने वाला हजारों में
कोई एक होता है. दूसरों
के काम बनाने वाले बनिए
और अगर किसी की मदद
नहीं कर सकते हैं तो, उसकी
राह में रोड़े अटकाने वाले
मत बनिए