केजरीवाल साहब पे फिर किसी ने जूता फेंका लेकिन वो बहुत खुश हैं, क्योंकि अब उनके पास दोनो पैर के जूते हो गये हैं।
Taras gaye apke deedar ko,
phir bhi dil aap hi ko yaad karta hai,
humse khusnaseeb to apke ghar ka aaina hai,
jo har roz apke husn ka deedar karta hai…
हम तस्लीम करते हैं,
हमें फुर्सत नहीं मिलती,
मगर ये भी ज़रा सोचो,
तुम्हें जब याद करते हैं,
ज़माना भूल जाते हैं|
कमाल तेरे नखरे,
कमाल का तेरा स्टाइल है;
बात करने की तमीज नहीं,
और हाथ में मोबाइल है!!
😄😄😄😄😝😝
भाया हमरा इक ठो सवाल है –
ई ससुरा क्रिकेट मा काहें कहते हैं
“Catch पकड़ो – Catch पकड़ो“
जबकि “Catch” और “पकड़ो”
दोनों का एकै मतलब हैं.
बड़ा कनफूजन है यह गोला पर