Kaise kahukMujheTumsePPyPyaPyaaPyaaaPyaaaPyaaaaPyaaPyaazzaurAaaluMangwane hai
सारे दिन आदमी को घर में
बनियान में देख के पत्नियों ये
समझने लगती है कि
उनकी शादी किसी दिहाड़ी मजदूर से हुई है
और उसी हिसाब से काम बताती है
कुछ अल्फ़ाज़ की तरतीब से बनती है शायरी
कुछ चेहरे भी मुकम्मल ग़ज़ल हुआ करते हैं
साधू:-बच्चा, तुझे स्वर्ग मिलेगा,लाओ कुछ दक्षिणा दे जाओ।लड़का:-ठीक है दक्षिणा में आपको मैंने दिल्ली दी।आज से दिल्ली आपकी हुई।साधू :-दिल्ली क्या तुम्हारी है ?जो मुझे दे रहे हो।लड़का :-तो स्वर्ग क्या तेरे बाप ने खरीद रखा है,जो तू उधर के प्लाट यहाँ बांट रहा है।
Hawao K Hath Arman Bheja Hai,
Network K Zriye Pegam Bheja Hai,
Furst Mile To Kabul Kr Lena,
‘Hamne’ Apko Sbse Pehle,
HOLI Ka RAM RAM Bheja
Happy Holi..