आपके आने से ज़िन्दगी कितनी ख़ूबसूरत है,दिल में बसायी है जो वोह आपकी ही सूरत है,दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी,हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है,
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए|
Naa zaroorat hai chaand-sitaron ki,Naa zaroorat hai faltu yaaron ki,Ek dost chahiye apke jaisa,Jo watt laga de Hazaron ki…