सुबह उठते ही मोबाइल में Whatsapp खोलते ही 80-100 मैसेज पड़े हो तो ऐसी फीलिंग आती है जैसे दुकान खोलते ही आठ-दस हज़ार की बिक्री हो गयी हो
जिस प्रभात से, परमात्मा का स्मरण हो जाये,
वह प्रभात, सुप्रभात हो जाता है।
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
एडमिन ने ढाबा खोला..ग्राहक – मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है |एडमिन –तो क्या करू?मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
माँ: सोफा लेटने के लिये नहीं बैठने के लिये होता है बेटाबेटा: हा तो चप्पल भी मारने के लिये नही पहनने के लिये होती है…..पड़ी एक और…