दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर है
खुद के बनाये पिंजरे से बाहर निकल,तू
भी एक सिकंदर है
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
Dil Ki Dahleez Par Rakh Kar Teri Yaadon Ke Chiraag
Humne Duniyan Ko Mohabbat Ke Ujaale Bakhshey
Jis Jagah Jaakar Koee Vaapas Nahin AataJaane Kyon Aaj Vahaan Jaane Ko Jee Chaahata Hai
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।