डॉक्टर: “शराब पीते हो तो कसरत करनी भी जरूरी है.”
रोगी: “ठेके तक तो पैदल ही जाता हूँ.”
जो “प्राप्त” है वो ही “पर्याप्त” है ।
इन दो शब्दों में सुख बे हिसाब हैं।।
जीवन सत्य और सुंदर है और इसे जीने में आनन्द है। अनुभव करने का नजरिया अलग अलग हो सकता है।
“Thand aur insult”Jitni Mehsus Karoge Utni Jyada Lagegi*So..Be_Careless&Be_BeshramEnjoy Life, Enjoy Winter!Think Hatke,Jiyo Datke!
अपने जीवन को अगर ऊचाईयों तक ले जाना है तो
ऐसे व्यक्तियों को अपने से अलग ना करे
जो आप के कार्यों की निंदा करते हो अपितु उनकी निन्दा से सीख ग्रहण करे ।